औसत वेग (Average velocity) : अभिक्रिया का वेग अभिकारक के सांद्रण का समानुपाती होता है। अभिक्रिया के प्रारंभ में अभिकारक का सांद्रण बहुत उच्च रहता है, किंतु समय बीतने पर अभिकारक का सांद्रण घटते जाता है, अतः अभिक्रिया का वेग भी घटते जाता है।
इसका अर्थ है कि समय के अंतराल में अभिक्रिया का वेग परिवर्तित होते जाता है और अंततः हम अनेक अभिक्रियाओं के वेगों का औसत ही प्राप्त करते हैं।
तात्क्षणिक वेग (Instantaneous velocity) : किसी क्षण में अभिक्रिया का तात्क्षणिक वेग उस क्षण वक्र के बिंदु पर खींचे गए स्पर्श-रेखा के ढाल के बराबर होता है।