पट्टिकाणुओं द्वारा थ्रोम्बोप्लास्टीन नामक प्रोटीन का स्राव होता है, जो रक्त प्लाज्मा में उपस्थित प्रोथ्रोम्बिन को थ्राम्बिन मेें बदल देता है।
थ्रोबिन रक्त प्लाज्मा में उपस्थित घुलनशील फाइब्रिनोजिन को अघुलनशील फाइब्रिन में बदल कर RBC (Red Blood Cell) के साथ रक्त का थक्का बना लेता है, जिससे कटे-फटे स्थान से रक्त निकलना बंद हो जाता है।