एक पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का एकदिशीय प्रवाह उसमें स्थित शृंखलाबद्ध तरीके से जुड़े जीवों के द्वारा होता है। जीवों की इस श्रृंखला को खाद्य श्रृंखला कहते हैं। सौर ऊर्जा का प्रग्रहण उत्पादक जीव (हरे पौधे) करते हैं। उत्पादक को प्राथमिक उपभोक्ता (शाकाहारी जंतु) खाते हैं, फिर शाकाहारी जंतुओं को द्वितीयक उपभोक्ता (मांसाहारी जंतु) खाते हैं और फिर इन्हें उच्चतम श्रेणी के मांसाहारी जंतु या तृतीयक उपभोक्ता खा सकते हैं। इस प्रकार भोजन के रूप में ऊर्जा का प्रवाह एक जीव से दूसरे जीवों में सदा एकपक्षीय दिशा में होता है और यही खाद्य शृंखला कहलाता है।