भारत में राष्ट्रीय गरीबी रेखाओं के बारे में 2014 की रंगराजन समिति की रिपोर्ट के अनुसार निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
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भारत में राष्ट्रीय गरीबी रेखाओं के बारे में 2014 की रंगराजन समिति की रिपोर्ट के अनुसार निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है? Bharat Mein Rashtriya Garibi Rekhaon Ke Bare Mein 2014 Ke Rangrajan Samiti Ki Report Ke Anusar Nimnalikhit Mein Se Kaun-Sa Kathan Sahi Hai?

  1. ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले ऐसे व्यक्ति, जिसका मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग व्यय ₹1,272 से कम है, को गरीब माना जाना चाहिए।
  2. शहरी क्षेत्र में रहने वाले ऐसे व्यक्ति, जिसका मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग व्यय ₹1,407 से कम है, को गरीब माना जाना चाहिए।
  3. ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले ऐसे व्यक्ति, जिसका मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग व्यय ₹872 से कम है, को गरीब माना जाना चाहिए।
  4. शहरी क्षेत्र में रहने वाले ऐसे व्यक्ति, जिसका मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग व्यय ₹2,407 से कम है, को गरीब माना जाना चाहिए।

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भारत में राष्ट्रीय गरीबी रेखाओं के बारे में 2014 की रंगराजन समिति की रिपोर्ट के अनुसार शहरी क्षेत्र में रहने वाले ऐसे व्यक्ति जिसका मासिक प्रति व्यक्ति उपयोग व्यय 1,407 से कम है, को गरीब माना जाना चाहिए कथन सही है। अत: विकल्प (2) सही उत्तर होगा।

रंगराजन समिति के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले का मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग व्यय 972 रुपय से कम है तो गरीब माना जाता है।

रंगराजन समिति ने, शहरी क्षेत्रो में 47 रुपया प्रति व्यक्ति प्रतिदिन तथा ग्रामीण क्षेत्र में 32 रुपया प्रति व्यक्ति प्रतिदिन से कम व्यय करने वाले को गरीब माना है।

रंगराजन समिति के अनुसार देश के हर 10 लोगों में से 3 व्यक्ति गरीब है।

रंगराजन समिति ने तेंदुलकर समिति की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि वर्ष 2011-12 में 29.5% लोग गरीब थे।

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