अवमूल्यन (Devaluation) का लक्ष्य निर्यात को बढ़ावा देना है।
Note :-
भारत में अब तक तीन बार रुपया का अवमूल्यन किया गया है । 1949, 1966, 1991 में रुपया का अवमूल्यन हुआ ।
रुपया का अवमूल्यन का उद्देश्य जान-बूझ कर अपनी मुद्रा का मूल्य कम करना, विदेशी मुद्राओं की तुलना में, ताकि विदेशी अधिक खरीद सके और आयात को न्यूनतम किया जा सके ।
चीन अनेक बार अपने मुद्रा का अवमूल्यन किया है ।
भारत सरकार ने 1991 ई० में दो बार मुद्रा का अवमूल्यन किया था जिसे एक बार ही गणना किया जाता है ।