महात्मा गाँधी (Mahatma Gandhi) ने कहा – “साधन ही उद्देश्यों का औचित्य बनाते हैं" तथा इस विचार को विकसित किये ।
गाँधीजी मानते हैं, कि जैसा साधन होगा वैसा ही फल होगा । वे मानते थे कि जैसा बीज होगा, वैसा ही फूल और फल होगा ।
Note :-
मैकियावेली का मानना है कि साध्य पवित्र होना चाहिए साधन कोई भी है ।
कौटिल्य भी लक्ष्य को सबसे महत्वपूर्ण मानते हैं ।