स्वाद का वास्तविक स्थान जिह्वा नहीं, बल्कि मन है । (The real place of taste is not the tongue but the mind.) । यह कथन गाँधीजी (Gandhiji) का है ।
Note :-
गाँधीजी ने कहा कि “मेरा जीवन ही मेरा दर्शन" है ।
गाँधीजी ने कहा कि “अन्याय का एक सीमा होता है, एक सीमा के बाद अन्याय सहना मानव और ईश्वर के लिए अपराध होगा " ।
गाँधीजी ने “भारत छोड़ो " आन्दोलन की घोषणा 8 अगस्त 1942 को बॉम्बे के ग्वालिया टैंक से किया ।
गाँधीजी ने 'करो या मरो का नारा दिये ।