सन् 1917 ई० की रूसी क्रांति (Russian Revolution) मुख्य रूप से पिछड़ी अर्थव्यवस्था, किसानों एवं मज़दूरों की दयनीय स्थिति, निरंकुश एवं स्वेच्छाचारी शासन के अत्याचार का ही परिणाम थी।
रूसी क्रांति एक युगांतकारी घटना थी। रूस के साथ-साथ विश्व (World) पर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ा जो इस प्रकार है-
रूस पर रूसी क्रांति के प्रभाव-
- क्रांति के परिणाम स्वरूप रूस से अत्याचारी एवं निरंकुश रोमोनोव वंश का शासन समाप्त हो गया तथा राजशाही के स्थान पर सोवियत समाजवादी गणराज्य संघ की स्थापना हुई।
- क्रांति के बाद पहली बार शोषित सर्वहारा वर्ग को सत्ता और अधिकार प्राप्त हुआ। किसानों को जमीन पर अधिकार दिया गया, कारखानों एवं उद्योगों का राष्ट्रीयकरण हुआ तथा देश की सारी संपत्ति राष्ट्रीय संपत्ति (National Asset) घोषित की गई। श्रमिकों को मताधिकार दिया गया एवं उनकी सुरक्षा के नियम बनाए गए।
- विश्व में पहली बार साम्यवादी सरकार (Communist Government) की स्थापना की गई।
- सामाजिक असमानता समाप्त कर दी गई पूंजीपति और सामंती वर्ग का उन्मूलन कर दिया गया और एक वर्गविहीन और शोषणमुक्त सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था (Socio-Economic System) की स्थापना की गई।
- क्रांति के पश्चात लेनिन के नेतृत्व में नव-निर्माण का कार्य किया गया।
- सोवियत संघ को धर्मनिरपेक्ष राज्य (Secular State) घोषित किया गया। चर्च का प्रभुत्व समाप्त कर दिया गया तथा नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान की गई।
- रूसीकरण की नीति का परित्याग कर सभी प्रजाति के लोगों को समानता का अधिकार (Right To Equality) दिया गया।
विश्व पर रूसी क्रांति के प्रभाव-
- पूँजीवाद (Capitalism) का चरित्र बदल गया।
- सर्वहारा वर्ग (Proletariat) के सम्मान में वृद्धि हुई।
- विश्व के अनेक देशों में साम्यवादी सरकारों की स्थापना हुई।
- समाजवादी विचारों के प्रसार से अंतरराष्ट्रवाद (Internationalism) को प्रोत्साहन मिला।
- साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद (Colonialism) के पतन की प्रक्रिया गतिमान हुई।
- वैचारिक स्तर पर विश्व और यूरोप दो शक्ति-गुटों, साम्यवादी और पूंजीवादी में विभक्त हो गया। इसने आगे चलकर शीत युद्ध (Cold War) को जन्म दिया जो सोवियत संघ के विघटन के बाद ही समाप्त हो सका।