युग्मन और प्रतिकर्षण को परिभाषित करें। Yugman Aur Pratikarshan Ko Paribhashit Karen
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युग्मन और प्रतिकर्षण को परिभाषित करें। Yugman Aur Pratikarshan Ko Paribhashit Karen.

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बेटेसन तथा पनेट ने कहा कि जब दो प्रभावी लक्षण (P एवं L) एक ही जनक से मिलते हैं, जैसा कि PPLL xppll के संकरण में हुआ, तब वे अगली पीढ़ियों में भी साथ-साथ रहते हैं तथा पृथक नहीं होते।

इस क्रिया को युग्मन कहा गया। परंतु, यदि जीन P एवं L विभिन्न जनकों (PPll x ppLL) से आते हैं तब वे अगली पीढ़ी के संतानों में पृथक हो जाते हैं।

इस प्रक्रिया को विकर्षण कहा गया। उनलोगों के अनुसार युग्मन तथा विकर्षण का संयुक्त रूप ही सहलग्नता है।

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