आधुनिक जैव विकास जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान द्वारा संभव हो पाया है। इसके द्वारा नई प्रजातियाँ तैयार की गई है। फसल उत्पादन बढ़ी है। जनसंख्या को भोजन प्रदान किया जा रहा है।
किंतु विचारणीय बिंदु यह है कि क्या इस प्रकार के बीजों से हमारे कृषि उत्पाद रासायनिक विषों से सुरक्षित रह पाएँगे।
क्या आनुवंशिकीय अभियांत्रित जीवों से पर्यावरण को कोई खतरा तो नहीं है। क्या इस प्रकार के जीवों से सामाजिक आचार संहिता तो प्रभावित नहीं होगी।
समाज एवं अन्य संगठनों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। क्योंकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इनके प्रभाव क्या होंगे।