भारत में घटते लिंगानुपात के निम्नलिखित दो कारण इस प्रकार हैं—
i. सामाजिक दृष्टिकोण– भारत में स्त्रियों की अपेक्षा अधिक पुरुष जन्म लेते हैं। भारतीय परिवार पुरुष प्रधान है, जिसमें स्त्रियों का स्थान गौण रह जाता है।
तिरस्कार के कारण शैशव काल में स्त्री-मृत्युदर अधिक है। बाल विवाह के कारण प्रसव के समय भी बहुत स्त्रियों की मृत्यु हो जाती है।
अतीत काल में स्त्री-शिशुओं की हत्या की प्रथा तथा महामारियों में स्त्रियों की अधिक मृत्यु के कारण लिंगानुपात में कमी होती गई।
ii. लिंग-निर्धारण की वैज्ञानिक विधि— इस वैज्ञानिक विधि के आने के बाद कन्या भ्रूण की हत्या तेजी से हो रही है।
समाज में दहेज आदि कुरीतियों के कारण लोग कन्या का जन्म नहीं चाहते हैं और उन्हें जन्म लेने से पहले ही समाप्त कर दिया जाता है।