शुष्क कृषि (dry farming) : शुष्क कृषि पद्धति उन क्षेत्रों में अपनायी जाती है, जहाँ वार्षिक वर्षा 75 सेमी० से. कम होती है। वर्षा के अभाव में यहाँ ऐसी फसलें उपजायी जाती हैं जो शुष्कता को सहन कर सके।
जैसे— रागी, बाजरा, मूँग, चना, ज्वार इत्यादि।
इन क्षेत्रों में आर्द्रता संरक्षण तथा वर्षा जल के प्रयोग की अनेक विधियाँ अपनाई जाती है।