भारत में पवन ऊर्जा (Wind energy) के विकास की अपार संभावनाएँ हैं। स्थायी वायु प्रणालियों और मानसून पवनों को ऊर्जा के स्रोत के रूप में प्रयोग किया जाता है।
इनके अतिरिक्त स्थानीय हवाओं, स्थलीय और जलीय पवनों को भी विद्युत पैदा करने के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है। भारत के तटीय भागों में पवन तेज गति से चला करते हैं।
अत: इसके पास एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है जिसमें 45 मेगावाट की कुल क्षमता के लिए 250 वायुचालित टरबाइने स्थापित की जानी है जो 12 अनुकूल सागरतटीय क्षेत्रों में लगाई जाएगी।
इससे भारत 3000 मेगावाट विद्युत का उत्पादन कर सकेगा। खनिज तेल पर निर्भरता को कम करने के लिए पवन ऊर्जा को विकसित किया जा रहा है।