सन् 1978 ई० में भारत में चरण सिंह (Charan Singh) की सरकार ने वी० पी० मण्डल की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया।
जिसका मुख्य कार्य सामाजिक तथा शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों का पता लगाकर उनकी स्थिति में सुधार के लिए उपाय बतलाना था।
31 दिसम्बर, 1980 को इस आयोग ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
इस रिपोर्ट में पिछड़ी जातियों के उत्थान तथा उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में 27 प्रतिशत आरक्षण का सुझाव दिया। 1989 में वी० पी० सिंह की सरकार ने इस रिपोर्ट को लागू कर दिया।