मदन और ड्राइवर के बीच जो विवाद हुआ उसके माध्यम से कहानीकार यह बताना चाहता है कि मदन एक किरानी का बेटा था।
जिसकी माली हालत सेन परिवार की तुलना में शून्य थी। ड्राइवर सेन परिवार का था। उसका प्रतिरोध करने का अर्थ था परोक्ष रूप से सेन परिवार और सेन का प्रतिरोध करना।
मदन में जीवटता थी और थी प्रतिकार करने की क्षमता। वह अबोध बच्चा था। उसके भीतर सामयिक बुनावट की, सामाजिक हैसियत की जानकारी नहीं थी।
वह तो अबोध था लेकिन किरानी का बेटा था। समाज में सेन के सामने उसकी विसात ही क्या थी, कि इवर का प्रतिकार करने लगा।
उसकी यह मजाल कि वह सेन परिवार के ड्राइवर के साथ उलझे, वाद-विवाद करे, झगड़ा करे।
यहाँ दो परिवार की आर्थिक स्थिति, हैसियत मनोवैज्ञानिक भाव- दशा और सामाजिक विसंगतियों के बीच जीते हुए मनुष्य के यथार्थ का चित्रण है।