सन् 1857 ई० के विद्रोह को अंग्रेजों ने क्रूरतापूर्वक दबा दिया परंतु इसके प्रभाव राजनैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक जीवन पर पड़ा।
राजनैतिक रूप से भारत का शासन सीधे क्राउन के अधीन डालो लाया गया।
सामाजिक स्तर पर अंग्रेजों ने अपने सुधारवादी नीतियों का परित्याग कर फूट और शासन करो की नीति अपनानी शुरू की।
आर्थिक स्तर पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया की सत्ता खत्म होने से अंग्रेज पूँजीपतियों द्वारा भारत में बड़े पैमाने पर पूँजी लगाया तथा भारत का आर्थिक दोहन में और वृद्धि हो गई।