रॉलेट ऐक्ट का विरोध गाँधी सहित देश के अन्य नेताओं द्वारा विभिन्न भागों में किया गया। इसी ऐक्ट द्वारा पंजाब के दो लोकप्रिय नेता डॉ० सतपाल एवं डा० किचलु के गिरफ्तारी के विरोध में अमृतसर के जालियाँवाला बाग में हजारों लोग शांतिपूर्ण ढंग से सभा कर रहे थे।
बिना चेतावनी दिए पंजाब के तत्कालीन सैन्य अधिकारी डायर ने गोलियाँ चलाने का आदेश दिया। इस बाग में केवल एक ही सँकरा दरवाजा था।
इससे जनता में अफरा-तफरी मच गयी और लोग बाहर नहीं निकल सकें। इस गोलीकाण्ड में करीब 379 लोग मारे गये और हजारों की संख्या में घायल हुये।
इस घटना से पूरा देश स्तब्ध रह गया और इसके विरोध में गाँधी जी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन शुरू की गई।