मो॰ जिन्ना व लीग को छिपे तौर पर ब्रिटिश सरकार का समर्थन प्राप्त था, इसलिए भारत की स्वतंत्रता के लिए वह कांग्रेस से कोई समझौता करने को तैयार न था। अत: मार्च, 1940 में मि० जिन्ना ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त (Two nation Theory) का प्रतिपादन करते हुए भारत के विभाजन की माँग की।
मि० जिन्ना ने दावा किया कि हिन्दू और मुसलमान भारत में रहने वाले दो अलग-अलग राष्ट्र हैं जिनका स्थान और अधिकार बराबर का है।
मुसलमानों की संस्कृति, धर्म और हित भारत में सुरक्षित नहीं है, वह केवल पृथक राष्ट्र में ही सुरक्षित रह सकते हैं।
मि० जिन्ना ने स्पष्ट रूप से कहा कि हिन्दू और मुसलमान सभी एक संयुक्त राष्ट्र में रह सकते हैं, यह मात्र एक स्वप्न है।
भारत में अन्तर्जातीय समस्या नहीं है वरन् स्पष्ट रूप से अंतर्राष्ट्रीय समस्या है।
राष्ट्र की किसी परिभाषा के अनुसार मुसलमान एक राष्ट्र है, अतः उनका अपना प्रदेश और राज्य होना चाहिए।