किसी भी क्षेत्र की संस्कृति को सम्यवस्था में प्रवेश करने के लिए कुछ मापदंडों को पूरा करना होता है। जैसे— वह क्षेत्र शहर में तब्दील हो गया हो लेखन कला विकसित हो गई हो, शहरी आबादी के पालन-पोषण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से जरूरी चीजों की पूर्ति होती हो, लंबी दूरी का व्यापार होता हो और कारीगरी कलाकारी तथा विज्ञान आदि का विकास हो गया हो।
हड़प्पा संस्कृति इन सभी मानदंडों को पूरा करती थी। नवपाषाण युग के बाद विश्व के कई हिस्सों में मानवीय संस्कृति ने सभ्यावस्था में प्रवेश किया की
जैसे— भारत में हड़प्पा सभ्यता, इराक में मेसोपोटामिया की सभ्यता, मिस्र सभ्यता, चीन की शांग सभ्यता ।
संस्कृति-समाज में प्रचलित रीति-रिवाज खान-पान, वेश-भूषा, रहन-सहन, धार्मिक संस्कार आर्थिक क्रियाकलाप के तौर तरीके कला कौशल के विविध रूप, भाषा एवं साहित्य की शैली आदि परंपराएँ जो पीढ़ी दर पीढ़ी से चली आ रही हो उसे ही संस्कृति कहते हैं।
इस प्रकार संस्कृति से तात्पर्य व्यक्ति के परिष्कृत व्यवहार से है, जिसे समाज द्वारा सीखा जाता एवं इसका हस्तांतरण एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी तक होता रहता है।