धौलावीरा (Dhola Veera) गुजरात के उत्तर-पश्चिमी कोने में बसा था । धौलावीरा हड़प्पाई शहरों में दो कारणों से महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है।
प्रथम संपूर्ण शहर तीन भागों में बँटा हुआ था-गढ़ी, मध्यनगर और निचला नगर । इसमें गढ़ी और मध्यनगर की अपनी-अपनी किलेबंदी थी जबकि निचला नगर किलेबंद नहीं था।
गढ़ी और मध्यनगर किलबंद होते हुए भी आपस में जुड़े हुए थे। गढ़ी और मध्यनगर में खूब चौड़ा और खुला मैदान बना हुआ था।
ऐसा लगता है कि यह खुला मैदान राजकीय, सामाजिक, धार्मिक सभाओं, उत्सवों या समारोहों के लिए इस्तेमाल किया जाता होगा।
दूसरे, यहाँ से एक ऐसे शिलालेख की प्राप्ति हुई है जिसपर बड़े अक्षर अंकित किए गए हैं।
प्रत्येक अक्षर को दूध जैसे सफेद पत्थर के टुकड़ों को मिलाकर धातु या स्फटिक है। चूर्ण की लेई की मदद से बनाया गया