दो राज्यों के बीच नदी जल के उपयोग के लिए उत्पन्न विवाद ही अंतरराज्यीय जल-विवाद कहलाता है। देश की अधिकांश नदियां एक से अधिक राज्यों से होकर प्रवाहित होती है।
अतः, प्रत्येक राज्य अपनी सीमा क्षेत्र के अंतर्गत बहने वाली नदियों के जल का अधिकतम उपयोग करना चाहता है। इससे ही अंतराज्यीय जल-विवाद उत्पन्न होती है।
राज्य सरकारें अपने क्षेत्र से होकर प्रवाहित होने वाली नदियों के जल पर पूर्ण नियंत्रण रखती है। अंतरराज्यीय जल-विवाद का निपटारा केंद्रीय न्यायधिकरण द्वारा किया जाता है।
भारत में कर्नाटक, केरल तथा तमिलनाडु के बीच कावेरी जल-विवाद; महाराष्ट्र कर्नाटक तथा आंध्र प्रदेश के बीच कृष्णा जल-विवाद अंतराज्यीय जल-विवाद के उदाहरण है।