भूकंप के समय उठने वाले कंपन से निकलनेवाली तरंगों को ही भूकंपीय तरंग (Seismic Wave) कहा जाता है। 1 सकेण्ड में 8 किमी. तक दूरी तय करने वाली तरंगे प्राथमिक तथा धीमी गति से चलने वाली तरंगे द्वितीय तरंगे कहलाती है।
पृथ्वी के तल पर पहुंचने पर ये तरंगे तल-तरंगों में बदल जाती हैं। रैले एवं लव नामक भू-वैज्ञानिकों के नाम पर इन्हें रैल (रीले) और लव तरंगे भी कहते है।