भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की जलवायु मानसूनी है, अतः यहाँ कृषि की सफलता बहुत हद तक सिंचाई की समुचित व्यवस्था पर निर्भर है।
ट्रेवेलियन के शब्दों में भारत में सिंचाई ही सब कुछ है। पानी भूमि से अधिक महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि जब भूमि में पानी दिया जाता है, तब भूमि की उर्वराशक्ति कम-से-कम छः गुना बढ़ जाती है।
इतना ही नहीं, पानी ऐसी भूमि को भी बहुत अधिक मात्रा में उत्पादक बना देता है, जो उसके अभाव में कुछ भी उत्पादन नहीं कर सकती थी।
इसी महत्त्व को स्वीकार करते हुए कहा गया है कि— भारत में पानी सोना है (Water in India is gold)
भारत में सिंचाई का महत्त्व और आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से है—
- अनिश्चित व अनियमित वर्षा
- वर्षा का असमान वितरण
- वर्षा का जल्द समाप्त हो जाना
- वर्षा का मूसलाधार होना
- जाड़े में वर्षा का अभाव
- गहन खेती करने के लिए