परिवहन (Parivahan) एक ऐसा तंत्र है, जिसमें यात्रियों और माल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाया और ले जाया जाता है।
परिवहन के मुख्य साधन स्थल, जल और वायु हैं। स्थल परिवहन के अन्तर्गत सड़क, रेलवे और पाइप लाइन, जल परिवहन के अन्तर्गत अन्तःस्थलीय, सागरीय और महासागरीय मार्ग तथा वायु परिवहन के अन्तर्गत राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय वायु परिवहन, आते हैं।
ये सभी मार्ग हर जगह नहीं विकसित किये जा सकते हैं। जल परिवहन नहर, नदी, सागर और महासागर तक सीमित रहते हैं।
रेल परिवहन का विकास मुख्यतः समतल स्थलीय भागों में होता है और अधिक ऊँचाई पर इन्हें विकसित नहीं किया जा सकता है।
इन सभी साधनों के विपरीत सड़क परिवहन का विकास मैदानी, उबड़-खाबड़ और दूर-दराज के क्षेत्रों में भी हो सकता है।
रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा तथा नदी और समुद्री बंदरगाह तक पहुँचने के लिए सड़क का सहारा लेना पड़ता है।
लम्बी दूरी तय करने के लिए रेलवे और शीघ्र लम्बी दूरी तय करने के लिए वायु परिवहन उपयुक्त हैं। भारी पदार्थ का अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मुख्यतः समुद्री मार्गों द्वारा होता है।
इन सभी साधनों तक पहुँचने के लिए एक दूसरे साधन का प्रयोग करना पड़ता है।
इस प्रकार एक संबंधित परिवहन प्रणाली में परिवहन के सभी साधन एक दूसरे के पूरक होते हैं।