बिहार की गणना देश के सर्वाधिक पिछड़े हुए राज्यों में की जाती है तथा इसकी प्रतिव्यक्ति आय बहुत कम है।
इसका प्रधान कारण यहाँ की कृषि की पिछड़ी हुई अवस्था तथा राज्य में उद्योग-धंधों का अभाव है।
इसके फलस्वरूप बिहार का राज्य घरेलू उत्पाद बहुत कम है।
देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में जनसंख्या की वृद्धि दर भी अपेक्षाकृत अधिक है।
राज्य की जनसंख्या में 2001 - 11 की अवधि में 25.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि संपूर्ण भारत के लिए यह वृद्धि दर 17.7 प्रतिशत थी।
बिहार सरकार के 2013-14 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, 2010-11 में पटना जिले की प्रतिव्यक्ति आय सबसे अधिक तथा शिवहर जिले की प्रतिव्यक्ति आय सबसे कम थी।