दलविहीन लोकतंत्र मार्क्सवाद और लेनिनवाद के उद्देश्यों में से है।
मार्क्सवाद के अनुसार समाज जैसे-जैसे साम्यवाद की ओर बढ़ता जाएगा, वैसे-वैसे राज्य स्टेट का क्षय होता जाएगा, और अंत में स्टेटलेस सोसाइटी की स्थापना होगी।
वह समाज अवश्य ही लोकतांत्रिक होगा, बल्कि उसी समाज में लोकतंत्र का सच्चा स्वरूप प्रकट होगा। यह लोकतंत्र निश्चय ही दलविहीन होगा।