प्रकृति (Nature) के वे सभी वस्तुएं या पदार्थ जो मानव जीवन की परिसंपत्ति (Assets) बन जाए संसाधन (Resources) कहलाती है।
दूसरे शब्दों में, पर्यावरण (Environment) के वे सारे अवयव जो मानव जीवन (Human Life) की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए तथा सुख-सुविधा प्रदान करने के लिए उपयोगी हो संसाधन (Sansadhan) कहे जाते हैं।
Note —
- भुगोलवेत्ता जिम्मरमैन के अनुसार — संसाधन हुआ नहीं करते, बना करते हैं।
- ये अवयव प्रकृति में विभिन्न रूपों में पाए जाते हैं।
- संसाधन के रूप में किसी पदार्थ का अस्तित्व उसकी उपयोगिता या उपयोगी कार्य पर निर्भर करता है।
- कोई पदार्थ (Matter) जब तक जीवन के लिए उपयोगी सिद्ध नहीं होता है, तब तक वह संसाधन नहीं कहलाता है।
- मनुष्य शरीर (Human Body) स्वयं भी एक संसाधन है।