पृथ्वी के ऊपर वायुमंडल में जैसे-जैसे हम ऊपर जाते हैं, वायु हल्की होती जाती है।
अतः अपवर्तनांक भी कम होता जाता है। सूर्यास्त के बाद या सूर्योदय से पहले, सूर्य से चलने वाली किरणें पूर्ण आंतरिक परावर्तित होकर हमारी आँख तक पहुँच जाती हैं।
जब इ इन किरणों को सीधा देखते हैं तो हमें सूर्य, क्षैतिज से ऊपर दिखाई देता है।