सामान्यत: आम आदमी समाज के ऐसे वर्ग समूह को कहते हैं, जो मध्यम श्रेणी या सुविधाओं से वंचित लोग होते हैं।
जो किसी तरह अपने जीविकोपार्जन के द्वारा अपना जीवन यापन करते हैं। आम आदमी पर वैश्वीकरण के सकारात्मक प्रभाव को हम निम्नलिखित रूप से देख सकते है :
- उपयोग के आधुनिक संसाधनों की उपलब्धता : वैश्वीकरण के कारण दुनिया के सभी देशों के उच्चतम उत्पादन लोगों को उपयोग करने के लिए उपलब्ध हो गया है।
- रोजगार की बढ़ी हुई संभावना : वैश्वीकरण के कारण औद्योगिक प्रसार होने से रोजगार के नए-नए अवसर खुल गए हैं। जिससे कुशल श्रमिकों के लिए अधिक रोजगार के अवसर खुल गए हैं।
- आधुनिकतम तकनीक की उपलब्धता : वैश्वीकरण के कारण आधुनिकतम तकनीक अन्य विकासशील देशों में आसानी से उपलब्ध होने लगा है।
जिससे आम लोगों के लिए आधुनिकतम तकनीक का उपयोग का दरवाजा खुल गया है।
वैश्वीकरण से आम लोगों पर निम्नलिखित नकारात्मक प्रभाव पड़ा है :
- बेरोजगारी बढ़ने की आशंका : वैश्वीकरण के कारण आधुनिक संयंत्रों से मशीनी उत्पाद को बढ़ावा मिला है।
जिस कारण समाज के अधिकतम श्रम-शक्ति जो अर्धकुशल है, ऐसे लोगों में बेरोजगारी के बढ़ने की संभावना है।
- उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र में बढ़ती हुई प्रतियोगिता : विदेशी पूंजी एवं विदेशी कंपनियों के बिना किसी प्रतिबंध के आयात होने से आम लोगों में बेरोजगारी फैलने की संभावना बढ़ गई है।
- मध्यम एवं छोटे उत्पादकों की कठिनाई : वैश्वीकरण के कारण मध्यम एवं छोटे उत्पादकों के लिए अपने उत्पादों को सक्षम बनाए रखने में अनेक कठिनाई होने लगी है। प्रकृति का यह एक सामान्य नियम है, कि पानी में बड़ी मछलियां, छोटी मछलियों को खा जाती है।
- श्रम संगठनों पर बुरा प्रभाव : श्रमिक संगठनों के द्वारा आम मजदूरों की उत्तम मांगों को संगठित रूप से मांग की जाती है। जिससे श्रमिकों को सामान्य वेतन एवं सुविधाएं उपलब्ध होने लगती हैं।