निजी क्षेत्र (Private Sector) और बाजार के सापेक्ष राज्य व सरकार की भूमिका के आधार पर अर्थव्यवस्थाओं का वर्गीकरण (Classification of Economy) तीन श्रेणियों में किया जाता है —
- पूंजीवादी अर्थव्यवस्था (Capitalist Economy)
- राज्य अर्थव्यवस्था (State Economy)
- मिश्रित अर्थव्यवस्था (Mixed Economy)
- पूंजीवादी अर्थव्यवस्था (Capitalist Economy) : इस अर्थव्यवस्था में क्या उत्पादन करना है, कितना उत्पादन करना है, और उसे किस कीमत पर बेचना है? यह सब बाजार तय करता है। इसमें सरकार की कोई आर्थिक भूमिका (Economic Role) नहीं होती है।
- राज्य अर्थव्यवस्था (State Economy) : इस अर्थव्यवस्था की उत्पत्ति पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की लोकप्रियता के विरोध स्वरूप हुआ। इसमें उत्पादन, आपूर्ति और कीमत सबका फैसला सरकार द्वारा लिया जाता है।
ऐसी अर्थव्यवस्थाओं को केंद्रीकृत नियोजित अर्थव्यवस्था (Centralized Planned Economy) कहते हैं, जो गैर बाजार अर्थव्यवस्था होती है।
राज्य अर्थव्यवस्था की दो अलग-अलग शैली नजर आती है। सोवियत संघ की अर्थव्यवस्था को समाजवादी अर्थव्यवस्था (Socialist Economy) कहते है, जबकि 1985 ई. से पहले चीन की अर्थव्यवस्था को साम्यवादी अर्थव्यवस्था (Communist Economy) कहते हैं।
समाजवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन के साधनों पर सामूहिक नियंत्रण के बाद शामिल थी, और अर्थव्यवस्था को चलाने में सरकार ने बड़ी भूमिका निभाई। साम्यवादी अर्थव्यवस्था की सभी संपत्ति पर सरकार का नियंत्रण था और श्रम संसाधन भी सरकार के अधीन थे।
- मिश्रित अर्थव्यवस्था (Mixed Economy) : इस अर्थव्यवस्था में कुछ लक्षण राज्य अर्थव्यवस्था के मौजूद होते हैं, तो कुछ लक्षण पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के भी मौजूद होते हैं। ये दोनों का मिला-जुला रूप है।
द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) की समाप्ति के बाद उपनिवेशवाद (Colonialism) के चंगुल से निकले दुनिया के कई देशों ने मिश्रित अर्थव्यवस्था को अपनाया इसमें भारत और इंडोनेशिया जैसे देश शामिल है।