रोजेन्सटीन-रोडान, रेगनर नर्क्स एंव आर्थर लुईस ने संतुलित वृद्धि (Balance Growth) के सिद्धांत का समर्थन किया।
पूंजी के मांग पत्र से संबंधित गरीबी के दुष्चक्र को तोड़ने के लिए रेगनर नर्कस संतुलित विकास की सिफारिश की।
रेगनर नर्क्स का कथन है, कि एक देश इसीलिए दरिद्र है, कि वह दरिद्र है।
नर्कस के अनुसार, अल्प विकसित देशों में दरिद्रता दुष्चक्र क्रियाशील रहते हैं, जो आर्थिक विकास में बाधा डालते हैं।
अतः इस दलदल से निकलने के लिए एकमात्र तरीका है, कि विभिन्न उद्योगों के व्यापक क्षेत्रों में लगभग एक साथ पूंजी लगाई जाए अर्थात संतुलित विकास की अवधारणा का अनुसरण किया जाए।