1. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 से 151 तक नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक के बारे में वर्णन है।
2. नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है।
3. इनका कार्यकाल पद ग्रहण करने की तिथि से 6 वर्ष तक का होता है पर यदि इसके पहले ही 65 वर्ष की आयु को प्राप्त कर लेते हैं तो उन्हें अवकाश ग्रहण करना पड़ता है।
4. इन्हें कदाचार अथवा कार्य करने में असमर्थता के आधार पर संसद के दोनों सदनों के समावेदन पर हटाया जा सकता है।
5. इनके सेवानिवृत्ति के बाद इन्हें भारत सरकार के अधीन कोई भी पद नहीं दिया जाता है।
6. ये सार्वजनिक धन का हिसाब किताब रखते हैं और उनका संरक्षण व परीक्षण भी करते हैं। यह इस तथ्य का परीक्षण करते हैं कि भारत सरकार तथा प्रत्येक राज्य व संघ राज्य क्षेत्र की संचित निधि से किए गए सभी व्यय विधि के अधीन हुए हैं अथवा नहीं।
7. इनका पद इस नियम का अपवाद है कि संघ के सभी लोक सेवक राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत तक पद धारण किए रहते हैं।