विद्युत बल्ब में टंगस्टन के पतले तार की एक छोटी ऐंठी हुई कुंडली होती है, जिसे तंतु या फिलामेंट कहते हैं।
यदि फिलामेंट से हवा माध्यम में धारा प्रवाहित कराई जाए तो यह हवा के ऑक्सीजन से ऑक्सीकृत होकर भंगुर हो जाएगा और टूट जाएगा।
इसलिए विद्युत बल्ब के अंदर हवा निकालकर निष्क्रिय गैस भर दी जाती है।