लोहा का एक प्रमुख अयस्क हेमेटाइट (Hematite) है।
इसके सांद्रण के लिए अयस्क (Ore) को जल से घोलकर मृदा एवं बालू की अशुद्धियों को दूर किया जा सकता है।
तब आर्द्रता (Humidity) को दूर करने तथा यदि कोई कार्बोनेट हो, तो उसे ऑक्साइड में विघटित करने के लिए अयस्क का निस्तापन करते हैं।
इसके बाद ऑक्सीजन की सीमित मात्रा के साथ इसका भर्जन किया जाता है, जिससे सल्फर, फास्फोरस, आर्सेनिक आदि की वाप्षशील अशुद्धियां उसके ऑक्साइड के रूप में दूर हो जाती है।
S8 + 8O2 → 8SO2
P4 + 5O2 → P4O10
2As + 5O2 → As2O5