कभी-कभी तारों के विद्युतरोधी परत के खराब या क्षतिग्रस्त हो जाने से वे आपस में संपर्क में आ जाते हैं।
ऐसा होने पर परिपथ का प्रतिरोध (Resistance of Circuit) लगभग शून्य हो जाता है और परिपथ में बहुत अधिक धारा प्रवाहित होने लगती है। इसे लघुपथन कहा जाता है।