भू-स्थिर उपग्रह (Geo Stationary Satellite) : जिस प्रकार विभिन्न ग्रह (Planets) सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षाओं (Orbits) में परिक्रमण करते हैं, उसी प्रकार कुछ आकाशीय पिंड इन ग्रहों के चारों ओर भी चक्कर लगाते रहते है।
किसी ग्रह के चारों ओर घूमनेवाले आकाशीय पिंड को उसका उपग्रह (Satellite) कहा जाता है।
कुछ उपग्रह प्राकृतिक (Natural) होते हैं, और कुछ कृत्रिम (Artifical)।
कोई उपग्रह पृथ्वी की सतह से जितनी दूर होता है, उसका परिक्रमण काल उतना ही अधिक होता है।
उदाहरण के लिए - चन्द्रमा (पृथ्वी से 380,000) किलोमीटर दूर है, पृथ्वी का एक परिक्रमण लगभग 27.3 दिनों में पूरा करता है।
लेकिन पृथ्वी के निकट एक कृत्रिम उपग्रह की ऊँचाई इतनी है, कि इसका परिक्रमण काल ठीक पृथ्वी की अक्षीय गति (Axial Speed) परिक्रमण काल (अर्थात् 24 घण्टे) के बराबर हो, तो वह उपग्रह पृथ्वी के सापेक्ष एक ही स्थान के ऊपर स्थिर दिखाई देगा।
यद्यपि पृथ्वी तथा उपग्रह दोनों गतिमान है। ऐसे ही उपग्रह को भू-स्थिर उपग्रह (Geo Stationary Satellite) कहा जाता है, तथा इनकी कक्षा को पार्क कक्षा (Parking Orbit) कहा जाता है।
पार्क कक्षा की ऊँचाई पृथ्वी की सतह से लगभग 3600 किलोमीटर होती है, और पार्क कक्षा में उपग्रह का वेग 3.1 किलोमीटर प्रति सेकेंड होता है।
भारतीय उपग्रह इनसेट-113 एक भू-स्थिर उपग्रह है। इस प्रकार के उपग्रहों का उपयोग दूरदर्शन संकेतों (T.V. Signals) को परिवर्तित करके दूरदर्शन कार्यक्रमों में विश्व के एक भाग से दूसरे भाग तक लगातार संचालित करने में किया जाता है। इसलिए इन्हें संचार उपग्रह भी कहा जाता है।