लिपिड (Lipid) शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम ब्लोर (Bloor) ने 1943 ईस्वी में किया।
भोजन में मौजूद वसा पाचन के उपरांत फैटी एसिड तथा ग्लिसरोल में टूट जाते हैं, जो कोशिकाओं के द्वारा पुनः व्यवस्थित होकर शरीर के लिए जरूरी Fats का निर्माण करते हैं।
Fats शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को सुरक्षा प्रदान करता है, इसके द्वारा कोशिका झिल्ली, कोशिका द्रव्य, केंद्रक द्रव्य, केंद्रक झिल्ली इत्यादि का निर्माण किया जाता है।
इसके द्वारा ऊष्मा का निर्माण होता है, जिससे शरीर का तापमान नियंत्रित होता है। इसके द्वारा Adipose Tissue का निर्माण होता है।
कुछ वैसा विटामिंस के लिए विलायक (Solvent) का कार्य करते हैं, जैसे विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई, और विटामिन के ।
वसा के लिए ऊर्जा का मान सबसे अधिक होता है, 1 ग्राम वसा से 9.2 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है। यह दूध, घी, मक्खन, बीज के तेल, Dry Fruits इत्यादि में पाए जाते हैं।