मानव प्राणियों में प्रमुख परिवहन तंत्र रुधिर परिसंचरण तंत्र (Blood Circulatory System) होता है। मानव के प्रत्येक फेफड़े में अनेक सूक्ष्म कूपिकाएँ (Alveoli) होती है।
प्रत्येक कूपिका पर रुधिर कोशिकाओं (Blood Cells) का घना जाल बिछा होता है। इसमें बहने वाला रुधिर जब कूपिकाओं के संपर्क में आता है, तो कुपिका में भरी वायु में से ऑक्सीजन विचलित होकर लाल रुधिर कणिकाओं (RBCs) में उपस्थित हीमोग्लोबिन (Haemoglobin) में चली जाती है, और शरीर की सभी कोशिकाओं में वितरित कर दी जाती है।
गुलकोज (Glucose) के विश्लेषण से कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है। रुधिर के संपर्क में आने पर उसके प्लाज्मा (Plasma) में मिल जाती है।
यह गैस फेफड़े (Lungs) की कूपिकी के संपर्क में आने पर उसमें भरी वायु में विसरित हो जाती है। तत्पश्चात वह नासिका रन्ध्रों से शरीर के बाहर निकाल दी जाती है।