पौधे के थैलोफाइटा (Thallophyta) समूह में विभेदित काय नहीं होता है। यह वनस्पति जगत का सबसे बड़ा समूह है। इस समूह के पौधे का शरीर सुकाय (Thalus) होता है, इसमें संवहन ऊतक नहीं होता है।
- शैवालों (Alage) के अध्ययन को फाइकोलॉजी कहते है। शैवाल प्रायः पर्णहरित युक्त, संवहन ऊत्तक रहित, स्वपोषी (Autotrophic) होते है।
- टेरिडोफाइटा (Pteridophyta) समुदाय के पौधों में संवहन ऊत्तक पूर्ण विकसित होते हैं, परन्तु जाइलम में वेसेल एवं फ्लोएम में सहकोशाएँ नहीं होती है।
- ब्रायोफाइटा (Brayophyta) में संवहन ऊत्तक अर्थात् जाइलम एवं फ्लोएम का पूर्णतः अभाव होतता है। इस समुदाय को वनस्पति जगत का एम्फीबिया वर्ग भी कहा जाता है।
- आवृतबीजी (Angiosperms) इस उपसमूह के पौधों में बीज फल के अंदर होते है। इनके पौधों में जड़, पत्ती, फूल एवं बीज पूर्ण विकसित क्षेत्र है।