दिष्टकारी (Rectifier) उपकरण का उपयोग प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है।
संघारित्र (Capacitor) – वह यंत्र जो किसी विद्युत यंत्र के आवेश ग्रहण करने की क्षमता को बढ़ा देता है संधारित्र कहलाता है।
Q=CV
जहाँ, C = धारिता
Q = विद्युत आवेश
V = विद्युत विभव
आवेशित संघारित्र में संचित ऊर्जा (U) = CV2/2 = Q2/2C
- जेनर डायोड का उपयोग वोल्टेज रेगुलेटर के रूप में होता है।
- ट्रांजिस्टर एक अर्द्धचालक यंत्र है जो इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रॉनिक शक्ति का परिवर्द्धन करता है।
- प्रकाश उत्सर्जक डायोड अग्र अभिनति में प्रकाश उत्सर्जित करता है।