एक गैर-सदस्य (Non - Member) के रूप में भारत का महान्यायवादी (Attorney General Of India) संसद के किसी एक सदन की कार्यवाही में भाग ले सकता है ।
भारत का महान्यायवादी संसद का सदस्य नहीं होता है परंतु वह किसी भी सदन में, सदनों की किसी संयुक्त बैठक में और संसद की किसी समिति में , बोल सकता है, भाग ले सकता है, किंतु अपना मत नहीं दे सकता (अनुच्छेद 88)|
महान्यायवादी राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत अपना पद धारण करता है (अनुच्छेद 76(4)। अतः राष्ट्रपति को उसे पदच्युत करने का अधिकार है।