कृष्णदेव राय के द्वारा अमुक्त माल्यद (Unmukt Malyad ) पुस्तक रचना की गई थी।
Note : कृष्णदेव राय के शासनकाल को ‘तेलुगू साहित्य का क्लासिक 'युग' कहा गया है। इसके राज-दरबार में तेलुगू साहित्य के आठ सर्वश्रेष्ठ कवि रहते थे, जिन्हें 'अष्टदिग्गज' कहा जाता था। कृष्णदेव राय ने तेलुगू में 'अमुक्त माल्यद' एवं संस्कृत में जाम्बवती 'कल्याणम्' की रचना की इन्हें आंध्र भोज, अभिनव भोज, आंध्र पितामह आदि उपाधियां प्राप्त थीं। यह बाबर के समकालीन थे।