पहली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन एम०बी० हनीफा के डिजाइन की थी।
पहली भारतीय ईवीएम का आविष्कार 1980 में किया गया था। इलेक्ट्रॉनिक संचालित मतगणना मशीन के नाम से 15 अक्टूबर, 1980 को पंजीकृत करवाया था।
एकीकत सर्किट का उपयोग कर "एम बी हनीफा” द्वारा बनाये गये मूल डिजाइन को तमिलनाडु के छह शहरों में आयोजित सरकारी प्रदर्शनियों में जनता के लिए प्रदर्शित किया गया था।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 1989 में इलेक्ट्रॉनिक्स कॉपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के सहयोग से भारत में ईवीएम बनाने की शुरूआत की गई थी।
एक EVM में अधिकतम 3,840 मतों को रिकॉर्ड किया जा सकता है और एक EVM में अधिकतम 64 उम्मीदवारों के नाम अंकित किए जा सकते हैं।
भारत में EVM का पहली बार इस्तेमाल 1982 में केरल के परावुर विधानसभा क्षेत्र में किया गया था। EVM का प्रयोग पहली बार 2004 के आम चुनाव में किया गया।
EVM का प्रयोग करके 1999 में पूरा चुनाव कराने वाला प्रथम राज्य गोवा है।VVPAT से सबसे पहले इस्तेमाल नागालैंड के चुनाव में 2013 में हुआ।