जल्लीकट्टू बैलों की लड़ाई से संबंधित एक खेल है जिसका आयोजन तमिलनाडु में मट्टू पोंगल के अवसर पर पोंगल उत्सव के एक भाग के रूप में किया जाता है।
सर्वोच्च न्यायालय ने 14 जनवरी, 2016 को 2014 में दिये अपने निर्णय को बरकरार रखते हुए इस खेल पर प्रतिबन्ध जारी रखा। तमिलनाडु में इस फैसले का विरोध किया गया।
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि संवेदनशील होने के कारण जंतुओ को संविधान के अनुच्छेद-21 के अन्तर्गत जीवन का मौलिक अधिकार प्राप्त है।