प्रस्तुत पंक्तियाँ चन्द्रधरशर्मा गुलेरी की कहानी 'उसने कहा था' की हैं। यह कथन लहना सिंह का है तथा सूबेदार हजारा सिंह को कह रहा है। इसमें उसके पति के माध्यम से पत्नी को संदेश भेज रहा है। सूबेदारनी ने पति हजारा सिंह और पुत्र बोधा सिंह की रक्षा करने हेतु प्रार्थना की थी, भीख मांगी थी। लहना ने अपने जान की बाजी लगाकर दोनों की रक्षा की। उसने अपने वचन का पालन कर सच्चे प्रेमी होने का प्रमाण दिया। इसमें प्रतिदान रहित दान की कोमलता की मर्मस्पर्शी व्यंजना है।