यदि एक अवतल दर्पण में वस्तु एवं प्रतिबिंब दोनों वक्रता केंद्र पर हैं, तो प्रतिबिम्ब वस्तु के समान आकार (Same Size) का होगा।
जब एक वस्तु वक्रता केन्द्र (C) में स्थित है तो बनने वाला प्रतिबिम्ब भी वक्रता केन्द्र (C) पर बनेगा। इसमें वस्तु व प्रतिबिम्ब का आकार समान होगा।
अवतल दर्पण (Concave Mirror) : गोलीय दर्पण जिसकी परावर्तक सतह धंसा रहता है, उसे अवतल दर्पण कहते हैं। अवतल दर्पण को अभिसारी दर्पण भी कहते हैं।
इसके उपयोग हैं—
(i) सौर भट्टी में, सोलर कुकर में
(ii) हजामत बनाने वाले दर्पण के रूप में।
(iii) डॉक्टर द्वारा मरीजों के आँख कान, नाक, को जाँचने में
(iv) टॉर्च एवं सर्चलाईट में।
(v) वाहनों के हेडलाईट में।
(vi) परावर्तक दूरबीन में
अवतल दर्पण द्वारा वास्तविक और काल्पनिक दोनों प्रकार के प्रतिबिंब बनते हैं।