स्वतंत्रता उपरांत भूमि सुधार के उद्देश्य को पूरा करने के लिए निम्न कदम उठाए गए :-
1. मध्यस्थों अथवा बिचौलियों की समाप्ति
2. काश्तकारी सुधार (Tenancy Reform) के अंतर्गत लगान का नियमन, काश्त अधिकार की सुरक्षा, काश्तकारों को भूमि पर मालिकाना हक प्रदान करने जैसे कदम उठाए गए।
3. कृषि का पुनर्गठन - इसके तहत भूमि का पुनर्वितरण, भू-जोतों का एकत्रीकरण अथवा जोतों की चकबंदी तथा सहकारी खेती शामिल है।
किसानों को मकान-ऋण भारत में भूमि सुधार के क्षेत्र में शामिल नहीं है ।
अतः विकल्प (d) सही होगा ।