कपास ऊद्योग (Cotton Industry ) में प्रयुक्त आगत-कपास, जूट, ऊन आदि भार-हास मूलक प्रकृति के होते हैं। इन कच्चे मालों का प्रारंभिक अवस्था में भार अधिक होता है तथा इनके भार में निश्चित अवधि तक कमी आती है। इस अवधि के पश्चात ही ये अपने मूल स्वरूप में आते हैं ।
अतः विकल्प (a) सही होगा |