मनुष्य में दोहरे रक्त संचरण की व्याख्या कीजिए। Manushya Me Dohre Rakt Sanchran Ki Vyakhya Kijiye
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मनुष्य में दोहरे रक्त संचरण की व्याख्या कीजिए। Or, Manushya Me Dohre Rakt Sanchran Ki Vyakhya Kijiye. Or, Explain Double Blood Circulation in Humans.

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रक्त परिसंचरण के एक चक्र में एक ही रक्त का हृदय में दो बार पहुंचना दोहरा रक्त परिसंचरण कहलाता है।

मानव का हृदय 4 कोष्ठों का बना है, जिसके द्वारा ऑक्सीजनित रक्त हृदय से शरीर के अन्य भागों में धमनियों द्वारा पहुंचाया जाता है।

जबकि उत्तको में यह रक्त O2 का त्याग कर विऑक्सीजनित हो जाता है, जिसे शिराओं द्वारा हृदय के कोष्ठकों में पहुंचा दिया जाता है। जहां से फेफड़ा में ऑक्सीजनित के लिए पंप कर दिया जाता है; और यह ऑक्सीजनित रक्त फेफड़े से ह्रदय कोष्ठकों मेें पहुंचकर एक परिसंचरण चक्र पूरा कर लेता है।

इस प्रकार मानव में एक परिसंचरण चक्र पूरा होने पर, एक ही रक्त दो बार हृदय में प्रवेश कर दोहरे परिसंचरण को दर्शाता है।

दोहरे रक्त संचरण के महत्व-

रक्त का दोहरा परिसंचरण मनुष्य की उच्च ऊर्जा आवश्यकता की पूर्ति एवं शरीर के तापक्रम को सामान्य बनाए रखने के लिए आवश्यक है। इससे विऑक्सीजनित एवं ऑक्सीजनित रक्त आपस में नहीं मिलता है।

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