कभी धरती के तापमान में वृद्धि होती है, अनेक समस्याएँ उत्पन्न होने की संभावना बढ़ जाती है। कार्बन डाइऑक्साइड तथा कार्बन मोनोक्साइड में वृद्धि के कारण ताप बढ़ता है, बर्फ पिघल सकता है तथा प्रलय की संभावना को नजदीक लाता है।
इसलिए पर्यावरण संरक्षण आवश्यक है। इसके लिए ग्रीन हाऊस गैसेज तथा असंतुलित रूप से प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करना ही जिम्मेवार है।